प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं
उत्तर:-प्राकृतिक संसाधन वह है, जो प्राकृतिक द्वारा मनुष्य को उपहार में मिले हैं। सभी जीवन व्यतीत करने के लिए प्राकृतिक संसाधन अति आवश्यक है। यह जैविक और अजैविक दोनों प्रकार के होते हैं। वन्य वन्य प्राणी जल और पृथ्वी पर रहने वाले जीव धारी जैविक संसाधन है और भूमिगत नदियों का जल मिट्टी और खनिज भंडार आदि अजैविक संसाधन है। औद्योगिकी विकास एवं तकनीकी प्रगति के कारण उनके उपयोग की दर बढ़ गई है
संसाधनों का वर्गीकरण (Resorces Classificatoin) यह संसाधन दो प्रकार के होते हैं।
(a) नवीकरणीय (Renewable), गैर नवीकरणीय(b)(Non -renewable)
(a) नवीकरणीय संसाधन: यह संसाधन वह संसाधन है जिनकी पूर्ण रूपार्टी नहीं हो सकती । यह केवल एक बार ही प्रयोग में नहीं आते हैं। जैसे सौर ऊर्जा
नवीकरणीय संसाधन इन संसाधनों को मुख्य रूप से पांच भागों में विभाजित किया जा सकता है
(1) जल संसाधन: पृथ्वी पर जल जीवन के लिए अति आवश्यक घटक है। हालांकि प्रत्यक्ष रूप से पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, किंतु फिर भी जल संसाधन सीमित है। जल संसाधनों का केवल अल्प भाग ही पीने वह आने दूसरे कामों के लिए उपयोगी है। कुल जल का 0.0001% भाग ही झरनों और नदियों में बहता है तथा जिलों में कुल पानी का केवल 0.0009% एवं भूमिगत जल कुल जल का मात्र 0.625 ही पानी है। बर्फ के रूप में जमे हुए जल का प्रतिशत 2.15 है। उपर्युक्त आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि मनुष्य को अपने अनेक क्रियाकलापों को पूरा करने के लिए आवश्यक जल की कमी है। इसीलिए यह जरूरी हो जाता है कि इस संसाधन का प्रयोग और विवेकपूर्ण ढंग से नहीं होना चाहिए।
(2) वन संसाधन –वन हमारे जीवन की अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। वनों से हमें ईंधन चारा फल इमारती लकड़ी जड़ी बूटी औषधीय आदि मिलते हैं। ऑक्सीजन जिसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं है की आपूर्ति के लिए वनों का महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे देश में भौगोलिक क्षेत्र का मंत्र 14 प्रतिशत भाग वनों से ढका हुआ है। वनों का अंधाधुंध विनाश से परेशानियों के साथ-साथ पर्यावरण भी असंतुलित होता जा रहा है। वनों के काम होने से संभावित को प्रभावों के कारण सरकार ने वनों की रक्षा करने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने की नीति अपनाई है।
(3) सौर ऊर्जा संसाधन–हमारे अनेक कार्यों के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग होता है। सौर ऊर्जा का उपयोग सर्दियों में गर्म पानी करने वाली रेफ्रिजरेटर चलाने के लिए किया जाता है ठंडे प्रदेशों में कमरा आदि गर्म करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। आजकल इसका बिजली के रूप में सफलता पूर्वक प्रयोग किया जा रहा है। रेगिस्तान में पृथ्वी की सतह को 200 वॉट प्रति वर्ग मीटर प्रति घंटे की दर से सौर ऊर्जा मिलती है। यह ऊर्जा का सस्ता एवं समाप्त न होने वाला स्रोत है। आजकल वैज्ञानिकों द्वारा ऐसे वाहनों का आविष्कार करने का प्रयास किया जा रहा है जो सौर से चलेंगे
(4) पवन ऊर्जा संसाधन:–सौर ऊर्जा की भांति वायु बहन को विभिन्न कार्यों में उपयोग किया जा सकता है। इस ऊर्जा से पवन चक्की चलाई जाती है तथा को नलकूपों से पानी निकाला जा सकता है। तटीय और पहाड़ी क्षेत्रों में जहां तेज हवाएं चलती हैं, पवन चक्की का प्रयोग बिजली बनाने के लिए भी किया जाता है
(5) परमाणु ऊर्जा–परमाणु ऊर्जा का उत्पादन न्यूक्लियर रिएक्टर में होता है। न्यूक्लियर रिएक्टर में उसका उत्पन्न होती है, जिससे बाप बनाई जाती है तथा इस बाप से बिजली उत्पन्न करने वाले टरबाइन और जनरेटर को घुमाया जाता है। 1 किग्रा प्राकृतिक यूरेनियम से 35000 किलोग्राम कोयले के बराबर ऊर्जा उत्पादन होती है
यहां पर यह कहना उचित होगा कि जहां यह ऊर्जा उत्पन्न की जा रही है वहां पर सुरक्षा के करें उपाय होने चाहिए, ताकि रेडियोधर्मी पदार्थ का गलती से रिसाव ना हो। इसके अवशिष्टों का मिश्रण भी सावधानी पूर्वक करना चाहिए।