परिचय:-
भय क्या होता है?
भय यानी डर -डर कोई भी चीज का डर, एक प्रकार के विकृति हैं एक विष है, ऐसा घातक जो मारता नहीं बेचन की रहता है।
सफलता और विकास के मार्ग में पड़ने वाले हमारा भय सबसे बड़ी बाधा है। भय सब बुराइयों का जड़ है। शरीर की क्रियाओं के वैज्ञानिक भी कहते हैं की भय के कारण रक्त दूषित हो जाते हैं, उसकी स्वसन क्रिया में विकार उत्पन्न हो जाती है, उसकी शारीरिक शक्ति क्षीण हो जाती है और मनुष्य सम में हीन हो जाते हैं। भय शक्ति तो कम होती ही है, सफलता प्राप्ति में सहायक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
*भय से क्या होता है?
भयभीत होते ही व्यक्ति का उत्साह और प्रसन्नता दूर भाग जाती है जहां भय होगा वहां से प्रसन्नता दूर भाग जाती है, अर्थात जहां में होगा वहां प्रसन्नता एक पल के लिए भी टिक नहीं सकती।
भय से सारे काम बेकार हो जाते हैं और हम कुछ भी नहीं कर पाते ना कुछ सोच पाते हैं और ना कुछ बोल पाते हैं चेहरे उदास हो जाते हैं। चेहरे की रंगत उड़ जाती है। और चेहरे मायूस हो जाते हैं
और हमारे सफलता प्राप्त करने में यह सबसे बड़ी बाधा के रूप में काम करता है तू इसीलिए हमें भय से जितना हो सके बचना चाहिए और यदि हमारे दिमाग में गलत गलत ख्याल आता है तो उससे निपटना चाहिए क्योंकि यह भी यहीं से उत्पन्न होता है। और जो चीज आपको नहीं आ रहा है उसको सीखना चाहिए और उससे बिल्कुल ना डरना चाहिए।
हम भय का त्याग अचानक नहीं कर सकते हैं। धीरे-धीरे इसका समाधान करें और इससे छुटकारा पाएं।
भय का परिणाम:-
भयभीत व्यक्ति की सारी क्रियाएं बिगड़ जाती है। वो खुद अपाहिज सा हो जाता है दुनिया के लिए उपयोगी होने की बात तो दूर है ,भय अधिकतर काल्पनिक होते हैं और जिससे लोग वास्तविक भय कहते हैं
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Written By Motivational Speaker Md Usman Gani ❤️