अनुशासन पर निबंध ।Essay on Discipline in Hindi

 




परिचय

अनुशासन का अर्थ है -व्यवस्था, क्रम और आत्म नियंत्रण। यह एक ऐसा गुण है जो समय की बचत करता है, धान और शक्ति का अपव्यय रोकता है तथा अतिरिक्त बल पैदा करता है। बिना अनुशासन के जो कार्य काफी शोर-शराबे से काफी धन और शक्ति काव्य करके होता है वही कार अनुशासन से करने पर शीघ्र तथा कम शक्ति से हो जाता है।

अनुशासन का महत्व

अनुशासन का मानव जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। रसोई घर में काम करती हुई घरेलू महिला को ले। यदि उसके रसोई घर में हर वस्तु व्यवस्थित है तो उसका सब कार्य सरलता और सुलभता से हो जाएगा। परंतु यदि नमक मिर्च चीनी चायपत्ती दाल जीरा सॉन्ग आदि के डिब्बे व्यवस्थित नहीं रखे हैं तो उसे बार-बार परेशानी उठानी पड़ेगी। इधर गैस जल रही होगी उधर से नमक नहीं मिल रहा होगा। कभी नमक की जगह मीठा सोडा पड़ जाएगा अर्थात अव्यवस्था से परेशानी भी बढ़ेगी, समय भी अधिक खर्च होगा और उर्जा भी नष्ट होगी।

सिनेमा की टिकट खिड़की या बस पर चढ़ने वाले यात्रियों को ले। अधिक काम सप्ताह बस पर चढ़ने वाले यात्रियों में धक्का-मुक्की होती है। कभी-कभी एकाद खरोच भी आ जाती है परंतु से फिर भी खाली रह जाती है। यदि बस पर चढ़ने का कार्य अनुशासन से हो जाए तो सभी बस में बैठ जाएंगे और धक्का-मुक्की से उत्पन्न समस्या भी नहीं पैदा होगी।

अब मानव मन की हॉज पॉज को ले। एक छात्र को एक ही समय पर विवाह की पार्टी में भी जाना है क्रिकेट का मैच भी खेलना है, दूरदर्शन पर आई फिल्म को भी देखना है और कल होने वाली परीक्षा की तैयारी भी करनी है। इस अस्त-व्यस्त मन्ना स्थिति में  छात्र लटक जाते हैं। वे एक साथ चारों ओर मन लगाकर किसी भी एक कार्य को ध्यान से नहीं कर पाते। यदि कोई छात्र अनुशासन का अभ्यासी हो तो वह अवश्य ही संयम करके चारों के गुण दोष का विचार करके किसी एक और अपना ध्यान लगा लेगा तथा शेष की ओर से अपना मन हटा लेगा इस हॉजपॉज मना स्थिति में से यही एक उत्तम रास्ता है।

अनुशासन से लाभ 

अनुशासन से संयम आता है तथा सभ्यता का प्रारंभ होता है। आज की नवीन सभ्यता अनुशासन की ही देन है। दामिनी सभ्यता में कोई रहन-सहन का व्यवस्थित तरीका नहीं है बोलचाल में अनुशासन है नहीं इसीलिए वे पिछड़ जाते हैं। दूसरी और शहरी सभ्यता में हर चीज की एक व्यवस्था है, बोलने में कार्य करने में एक नियमित क्रम है, इसीलिए आज उसका आकर्षण है। मुट्ठी भर अंग्रेजी ने विशाल भारत को किस प्रकार गुलाम बनाया? निश्चय ही अनुशासन के बल पर। अनुशासन से शक्तियों का केंद्रीकरण होता है, गतिशील ऊर्जा का जन्म होता है तथा जीवन सहज सरल और सुंदर बन जाता है।



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