पर्यावरण प्रदूषण In Hindi। By Motivational speaker md Usman Gani

 



    परिचय

पर्यावरण प्रदूषण आज मानव जगत को विनाश की ओर बढ़ा रहा है। हवा प्रदूषण जल प्रदूषण भोजन प्रदूषण सब और प्रदूषण ही प्रदूषण आज प्रदूषण पर्यावरण में ही जीना प्राणियों का स्वभाव जैसा बन गया है। कुछ प्राणी तो प्रता विलुप्त ही हो गए हैं। जो हमारे लिए चिंता का विषय बन गया है। पर्यावरण में वैसे तत्व का मिल जाना जिससे पर्यावरण खराब हो जाए पर्यावरण प्रदूषण कहलाता है।

प्रदूषण के कारण: -

आज पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है पर्यावरण प्रदूषण का मूल कारक मानव जाति है। वन उपवन को काटकर नए-नए शहरों में परिवर्तित किया जा रहा है। कल कारखानों की अधिकता से हमारा पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। कल कारखानों से निकलने वाली दूषित कैसे आदि वायु को प्रदूषित कर रहा है। मृत प्राणियों को यूंही जहां-तहां फेंक दिया जाता है। अन्यथा नदियों में बहा दिया जाता है। उससे भी हमारा पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है यंत्र तंत्र मल मूत्र को त्यागना भी पर्यावरण को प्रदूषित करना ही है।

प्रदूषण के दुष्प्रभाव: -

प्रदूषण के दुष्प्रभाव से अनेक नए नए बीमारियों का मनुष्य कार हो रहा है। मनुष्य ही नहीं बल्कि प्राणी जगत के हर एक जीव जंतु पर्यावरण के प्रदूषण के दुष्प्रभाव से असमय मृत्यु को प्राप्त कर रहे हैं। अकाल बाढ़ अतिवृष्टि इत्यादि भी प्रदूषण के दुष्प्रभाव से होता है।



रोकथाम के उपाय: -

पर्यावरण प्रदूषण के रोकथाम के लिए हमें उपाय ढूंढना ही होगा

हम अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें। जंगलों को नष्ट होने से बचाना अनिवार्य है। कल कारखानों से निकलने कचरे से नदियों को बचाना होगा प्रदूषण कम करने वाले जीवो के संरक्षण का उपाय करना होगा। मल मूत्र को जनतंत्र नहीं लगाकर नियत स्थान में त्यागना चाहिए। इससे पर्यावरण में प्रदूषण कम होगा।

उपयुक्त बातों को ध्यान में रखकर हम पर्यावरण प्रदूषण को कम कर सकते हैं। और अपने पर्यावरण को बचा सकते हैं।

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